लेखक : मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : मिखाइल बुल्गाकव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
“नहीं छोटे, गरीब मेहनतकश लोगों का कोई धर्म नहीं होता। “नहीं छोटे, गरीब मेहनतकश लोगों का कोई धर्म नहीं होता।