लेखक : ऐना स्युअल अनुवाद : आ. चारुमति रामदा लेखक : ऐना स्युअल अनुवाद : आ. चारुमति रामदा
जब था तो प्रकाश की कहानी से भी इसे कहीं न कहीं, कैसे न कैसे जुड़ना ही था। जब था तो प्रकाश की कहानी से भी इसे कहीं न कहीं, कैसे न कैसे जुड़ना ही था।