मैं और पंकज भी मुँह चिड़ाती गोली को देख कर हँस पड़े। मैं और पंकज भी मुँह चिड़ाती गोली को देख कर हँस पड़े।
कुछ ऊंचाई पर जाकर कुछ हवा पाकर ही चंचल पतंग मदमस्त होने लगी थी कुछ ऊंचाई पर जाकर कुछ हवा पाकर ही चंचल पतंग मदमस्त होने लगी थी