Bhagirath Parihar

Others

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Bhagirath Parihar

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वर्चुअल वर्ल्ड

वर्चुअल वर्ल्ड

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नेट पर विचरण करते हुए एक शख्स का प्रोफाइल अच्छा लगा। उम्र में थोड़ा अधिक होगा लेकिन इससे मुझे क्या ! कौन सी मुझे उससे शादी करनी है? थोड़ी देर के मजे के लिए वर्चुअल फ्रेंड बनाना है सो फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी कि बन्दा इसी शहर का है। मेरा प्रोफाइल फोटो देखकर उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी कर ली।

अब खेल यहाँ से शुरू होता है। फ्लर्ट करनेवाले लड़के-लडकियाँ नेट पर रात्रि विचरण रात दस बजे से आधी रात तक करते हैं। यह सेफ टाइम है जब घरवालों से बचकर चैटिंग की जा सकती है।


मैंने इंतजार किया दो दिन तक, पर उसका तो कोई रेस्पोंस ही नहीं, सो मैंने ही उसे ऑनलाइन देख गुड नाइट मेसेज भेजा। बन्दे ने तुरंत रिप्लाई किया गुड नाइट और ऑफलाइन हो गया। यानी बंदा अनुभवी है। अटरेक्ट करना जानता है। 

एक बार तो लगा बंदा किसी काम का नहीं। घमंडी साला अपने आप को क्या समझता है मुझे नेगलेक्ट करता है। इतनी बेसब्री ठीक नहीं, सो और सर्च करने लग गई कि कहीं कोई मिल जाए।


अपनी उम्र के बन्दों से चैट करने में खतरा है वे इतनी तारीफ कर देते हैं कि जैसे केवल मैं ही विश्वसुन्दरी हूँ। और कब लड़की तारीफों के पुल पर चढ़ कर, उसके पास पहुँच जायेगी उसे ही पता नहीं चलेगा। अगर लड़की ने कंट्रोल कर भी लिया तो बंदा खुद हाजिर हो जायेगा। प्यार और रोमांस की बातें, शेरो-शायरी का आदान-प्रदान। फिर आएगा फोटो भेजने का क्रम बंदा अपनी स्टाइलिश फोटो भेजेगा, पसंद कर ली तो दो चार और भेजेगा, कहेगा आप अपनी फुलसाइज़ फोटो मैसेंजर से भेजिए। लॉन्ग शॉट से ली गई तस्वीर भेजी तो बन्दे का कमेन्ट आया- ‘ऊं हूँ मजा नहीं आया यार कोई दूसरी भेजो।’


‘दूसरी कौन सी? सादगी से भरपूर, इस पोर्टफोलियो में पचास फोटोज है हरेक का ढंग निराला है मॉडलिंग डायरेक्टर तो मेरी सादगी पर फ़िदा हो गया था।’ 

‘नहीं नहीं ये वाली नहीं।’ ‘तो फिर फेशनेबल प्रोफेशनल फोटो शूट भेज दूँ इस पोर्टफोलियो में भिन्न-भिन्न अंदाज के पचास फोटो है एक से बढ़कर एक।’ ‘इनमें बनावटीपन ज्यादा होता है।’ ' तो फिर हॉट तस्वीरें जो पुरुषों को भड़का सके।’ ‘हाँ-हाँ, ये वाली ठीक रहेगी।’ ‘और भी चोईस है जैसे सेंसुअल आर्टिस्टिक या न्यूड क्रिस्टल क्लियर हाई डेफिनेशन फोटो।’ ‘ये दिल मांगे मोर, सारी भेज दो।’ ‘एकदम लालची लौंडे लगते हो। सारी भेज दी तो मेरे पास बचेगा क्या? 'बचा कर करना क्या है ?’ ‘क्यूँ कल के लिए भी तो कुछ चाहिए। चाहिए कि नहीं चाहिए?’ “चाहिए, बिलकुल चाहिए।” ‘तो फिर, चोईस तो करनी पड़ेगी। संयम भी कोई चीज है। अपने आप पर कंट्रोल करो। सिर्फ एक पोर्टफोलियो भेज सकती हूँ।’ ‘यार तूने इतनी जलेबियाँ लटका दी है कि दिल चाहता है सारी खींचकर खा लूँ।’ ‘तसल्ली रखो वो दिन भी आ सकता है।’ ‘क्या वाकई आ सकता है !’ ‘क्यों नहीं आ सकता !’ ‘तो मैं इसे सहमति मान लूँ?’ ‘बड़े जल्दबाज हो ! अभी तक तो तुमने प्रपोज भी नहीं किया।’ ‘अपन मिले भी तो नहीं।’ ‘अरे ऑनलाइन का जमाना है।’ ‘खैर छोड़ो पहले फोटो तो भेजो थोड़ा क्लोजअप।’ लड़की ने दूसरा एक फोटो भेज दिया। ‘हाँ, यह हुई न बात। अब जाकर ठीक से पहचान में आ रही हो।’ ‘क्यूँ क्या पसंद नहीं आई? जमाना फ़ास्ट है पहचान से आगे बढ़ो।’ ‘फोटो असली तो है या यूँ ही मेरी फिरकी ले रही हो।’ ‘इतनी ही शंका है तो विडिओ कॉल करके देख लो।’ ‘हाँ, यह ठीक रहेगा।’ और बन्दे ने विडिओ कॉल किया तुरंत ही, सब्र कहाँ है! आजकल सबको तुरत-फुरत चाहिए। बंदी ने कॉल रिसीव करते हुए कहा, ‘बड़े बेसब्र हो। जीवन में धैर्य भी कोई चीज होती है।’ ‘सौन्दर्य जब सामने फैला पड़ा हो तो बाँहों में समेटने का मन किसका नहीं करता ! हम कोई देवता थोड़ी ही है। इंद्र देव तक का मन विचलित हो गया था अहिल्या पर याद है न।’ ‘एड्रेनैलिन कुछ ज्यादा ही बह रहा है तुम्हारी धमनियों में।’ ‘तुम्हें देखकर धड़कने बढ़ गई, रक्तचाप बढ़ गया जैसे शरीर में उर्जा का विस्फोट हो रहा हो।’ ‘तुमने फोटो के बारे में कुछ नहीं कहा। कैसी लगती हूँ मैं फोटो में?’ ‘एकदम झक्कास ! स्वर्ग की अप्सरा जैसी!’ ‘तुमने अप्सरा कहाँ देख ली?’ ‘मेरे ही कल्पना लोक की क्रिअशन हो तुम। अच्छा यह बताओ मैं कैसा लगता हूँ?’ ‘गंधर्व जैसा। सिंगल हो न।’ ‘तुम क्या मेट्रिमोनियल प्रपोजल देनेवाली हो। मैं तैयार हूँ। वर्चुअल वर्ल्ड में घूमते-फिरते कई लोगों ने शादियाँ की हैं और वे खुश है। हम भी खुश रहेंगे।’ ‘हम किस पचड़े में पड़ गए एक ही वीडियो कॉलिंग में तुम कहाँ से कहाँ पहुँच गए।’ ‘लेकिन हिंदुस्तान में लड़के-लड़कियों की दोस्ती की आखिरी मंजिल शादी ही है। ‘होगी, लेकिन हम यहाँ वर्चुअल वर्ल्ड में मजे के लिए आएं है। शादी के लिए नहीं।’ ‘तुम सवाल ही ऐसे पूछती हो। पहले अपने दिमाग के जाले साफ करो।’ ‘ठीक है आज के लिए इतना बहुत है।’ और उसने वीडियो बंद कर दिया।

दूसरे दिन विडिओ बज करने लगा तो मैंने रेस्पोंस देते हुए विडिओ ऑन कर दिया बंदा हाजिर था। ‘हेलो स्वीट हार्ट’ ‘हेलो कहो कैसे हो?’ ‘बुझी बुझी सी लग रही हो। लगता है, तुम्हारा मूड ठीक नहीं है।’ ‘तुम तो बम बम कर रहे हो, बोलो क्या बात है ?’ ‘बात क्या होनी तुमसे प्यार भरी बातें करनी थी लेकिन तुम्हारा तो मूड ही ऑफ़ है कोई समस्या है तो बताओ शायद मैं कोई मदद कर सकूँ।’ ‘कुछ नहीं यार! एडवरटाईजमेंट में मॉडलिंग का काम नहीं मिल रहा है तुम्हारे कोई लिंक हो तो..’ ‘एडवरटाईज एजेंसी में अपने बन्दे है बात करता हूँ।’ अगले दिन मैसेज किया कि अपना पोर्टफोलियो लेकर इस दिए गए पते पर पहुँच जाओ सुबह ग्यारह बजे, एक एडवरटाइजर ने उन्हें कोंटेक्ट किया है कास्ट फाइनल करना है मैं भी पहुँच रहा हूँ। उसने जवाबी मैसेज किया कि वह आ रही है।


नियत समय पर सभी पहुँच गए। बन्दे ने सबका परिचय दिया। डायरेक्टर उसका पोर्टफोलियो पलटने लगा देखते देखते वर्मा को आवाज दी ‘जरा इनका स्क्रीन टेस्ट ले लो। मैं आकर बताता हूँ कि किस एंगल से लेना है एडवरटाइजिंग की जो स्क्रिप्ट है उसके अनुसार फोटोज भी लेने है गो टू ग्रीन रूम एंड गेट रेडी’ फिर हम सब की ओर मुखातिब होकर कहा इट विल टेक टाइम, इफ यू लाइक यू कैन लीव व्हेन शी इज फ्री शी विल कॉल यू।’ 


अब मैं बैठकर भी क्या करता ! सो वहां से निकल गया। शाम तक कोई कॉल नहीं आया इतने में घंटी बजी कॉल उसीका था डियर आज तो मैं बहुत थक गई हूँ अभी-अभी आई हूँ, रेस्ट करुँगी, कल बात होगी, बाय बाय!’ और उसने फोन बंद कर दिया। सोचा कल ही सही। 

मैंने उस बन्दे से कोंटेक्ट किया जिसके थ्रू यह सब अरेंज हुआ था। उसे बहुत-बहुत धन्यवाद कहा कि उसने एक महत्वपूर्ण काम करवा दिया। उसने बताया कि मैडम के सलेक्ट होने की पूरी संभावना है। और यह प्रोजेक्ट वो कर सकती है। 


दूसरे दिन वह मिली। खुश थीं। मैं भी बहुत खुश था। हम गर्मजोशी से मिले। हाथ मिलाते ही हग किया, हग क्या एक तरह से एम्ब्रेस किया। वह थोड़ा कुनमुनाई। तब मैंने उसे बताया कि यह प्रोजेक्ट उसे मिल जायेगा। 

उसने सोचा पुरुष के सामने थोड़ा ओपन अप हो और थोड़ा फ्लर्ट करो बस दुम हिलाता चला आयेगा। काम भी मिलेगा और दाम भी देगा डायरेक्टर कोई खुदा है ! प्रोजेक्ट तो मैं लेकर रहूंगी।

‘थैंक यू डियर’ और उसने मेरा गाल सहला दिया।


डायरेक्टर ने आश्वासन दिया कि थोड़ा ओपन अप हो तो आगे बढ़ सकती हो। इस दुनिया में नाज नखरे नहीं चलते यहाँ सब प्रोफेशनल है एक फोटोग्राफर ने थोड़ा सा हाथ क्या लगाया तुम कसमसाने लगी और तीखी नजरों से उसे देखने लगी। दूसरे बन्दे तो उसी समय उठाकर फेंक देते सो ‘बी अ गुड गर्ल’ उसने बटन खोल दिए ताकि ग्रूव और सीने के उभार ठीक से दिख सके। एडवरटाईजमेंट किसलिए होता है कुछ दिखेगा नहीं तो ऑडियंस अटेरेक्ट कैसे होगा? मेरी एडवरटाईजमेंट तो फ़ैल हो जायेगी। तुझे क्या मुझे भी काम मिलना बंद हो जायेगा। अगर आप कम्फरटेबल नहीं है तो जाइये, इधर झांकिये भी मत। ‘सॉरी सर’ इट्स ऑलराइट लेकिन ‘टच मी नॉट’ यहाँ नहीं चलेगा। सबसे बिंदास खुलकर मिलिए। हम सब यहाँ एक टीम की तरह काम करते हैं और दोस्ताना व्यवहार करते हैं। 


डायरेक्टर के साथ पींगे बढ़ने लगी। जब भी मेरा कॉल जाता फोन काट देती। मैसेज करता तो कहती बॉस के साथ बिजी थी। धीरे धीरे उसने अपनी तरफ से कोई कॉल करना या मैसेज करना बंद कर दिया। रिप्लाई जरूर कर देती। लेकिन कोई प्यार भरी बातचीत नहीं। 


मेरा तो फुल इस्तेमाल हो गया। अब दोस्ती में हेल्प करना तो बनता है, हेल्प क्या किया हाथ से ही निकल गई। इस्तेमाल तो तुम भी उसका करना चाहते थे लेकिन वो स्मार्ट निकली तुमसे अपना काम बनाया और अगले मुकाम पर निकल गई। लार टपकाते-टपकाते नेट पर पहुँचानेवाले का यूँ ही पप्पू बनता है। 



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