विश्वास ही धोखा हैं 2.
विश्वास ही धोखा हैं 2.
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चिन्टु हमारे विद्यालय का वह छात्र था जो अपने दोस्तों का सबसे प्यारा लाडला व चिन्टु अपने दोस्तों के लिए जान भी देने को हाजिर था।
विद्यालय के बाहर अपने दोस्तों के साथ धिरे धिरे घूमना टहलना शुरू किया ।
जो बाजार जाएं और बाजार की चकाचौंध से बच निकले ऐसा संभव ही नहीं है। सभी दोस्तों की दोस्ती बढ़ती गई ।
क्रमशः
