तफ्तीश जारी है
तफ्तीश जारी है
उच्च न्यायालय प्रांगण में हुए गणतंत्र दिवस के झंडावंदन कार्यक्रम के पश्चात जज और वकील धूप का आनंद लेते हुए चर्चा में मशगूल हो गए। एक वरिष्ठ वकील ने कहा "सर आपको मालूम है, आजकल एक नया उपन्यास “तफ्तीश जारी है”, काफ़ी चर्चा में है, जिसका विमोचन इसी माह दिल्ली के पुस्तक मेले में हुआ है।"
दूसरे वरिष्ठ वकील ने अपना मुँह खोला “इस उपन्यास का लेखक कौन है? मालूम है क्याँ किसी को… इस उपन्यास का लेखक एक विचाराधीन कैदी है, जो पिछले 15 वर्षों से एक जेल में बंद है और एक और ख़ास बात यह है कि इस प्रकरण में अभी ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है।”
इतना सुनते ही उस महफ़िल में बैठे हुए सभी न्यायाधीश और समाज के प्रतिष्ठित लोग अवाक् रह गये थे! अब उन्हें कड़ाके की ठंड के मौसम में गुनगुनी धूप भी तेज लगने लगी थी क्योंकि उन सब के मुँह में अब दही जम गया था!