सीख
सीख
कुछ समय पूर्व एक गा में एक आदमी अपने परिवार साथ रहता था जिसका नाम रामू था। उसका एक बेटा था जिसका नाम पहल था और एक बेटी थी जिसका नाम सिमल था। दोनों बच्चे गांव के विद्यालय से शिक्षा अध्ययन करते थे। रामू का परिवार सबसे सुखी परिवार था जिससे कई लोग इर्ष्या भी करते थे।
एक दिन रामू जब काम को जा रहा था तब पहल रोता हुआ आया। रामू ने जब उससे उसके रोने का कारण पूछा तब पहल बोला कि कक्षा में शिक्षिका ने उसे मारा।रामू शिक्षिका के पास गया तो वह बोली कि पहल को पढ़ने-लिखने में ध्यान नहीं है। वह तो नहीं पढ़ता है और दूसरों को भी पढ़ने नहीं देता है। तब रामू पहल से पूछा कि वह ऐसा क्यूं करता है तो पहल बोला दिया कि उसे पढ़ाई याद नहीं रहता है।
दूसरे दिन रामू को एक तरकीब सूझा। रामू बोला,"बेटा पहल! चलो तुम मेरे साथ।" पहल को कुछ नहीं पता था इसलिए वह चुप-चाप चलता रहा। कुछ समय बाद रामू पहल से कहा," चली अब तुम इस ज़मीन पर खोदो।" पहल खोदने लगा। जब वह घर लौटा तब अपनी मां से खाना परोसने को कहा। खाने के बाद पैर दबाने को कहा। तब पहल के पिता,"क्यों क्या हुआ ? इतने में ही पैर दर्द किया ? अब तो तुम्हें यही करना है!"
पहल," नहीं , नहीं मुझे खेत में काम नहीं करना है। मुझे विद्यालय में पढ़ना है।" रमू," बेटा पढ़ना सबसे सहज काम है जब तुम ध्यान लगा कर पढ़ो तो पर खेत में काम करना मेहनत का काम है। एक दिन मेहनत ना करने पर सारे काम पर पानी फिर जाता है।"
पहल तब से में लगा कर पढ़ने लगा और सिमल के साथ फिर से विद्यालय जाने लगा।
