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Aapki Kavyatri

Others

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Aapki Kavyatri

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पत्थर

पत्थर

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यूं ही नहीं तराशे जाते पत्थर 

पत्थर को तराशने के पीछे भी कोई मकसद होता है


यूं ही नहीं लड़ता कोई रोज खुद से

अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने का एक मकसद होता है


रिश्तों में सक्सेस की पार्टी तो सभी मांगते हैं 

पर जो हमारे साथ हमारे दर्द में रोए वही हमारा अपना है


वादे तो करते हैं सभी पर कुछ वादे अधूरे रह जाते हैं

उन अधूरे वादों को बिछड़ने के बाद भी पूरा करने की दुआ मांगने वाले अपने होते हैं


कोशिश से हजार करी लाख संभाला खुद को

दुखी चेहरे पर मुस्कान लाना ही अब हमारी अदाकारी है



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