परिवार !
परिवार !
एक पार्क मे दो बुजुर्ग बैठे बातें कर रहे थे....
एक थे गुप्ता जी और दूसरे थे शर्मा जी
गुप्ता जी बोले , "मेरी एक पोती है,
शादी के लायक है...
BA किया है,
नौकरी करती है,
कद - 5"2 इंच है.. सुंदर है
कोई लडका नजर मे हो
तो बताइएगा.."
तभी शर्मा जी बोले , "आपकी पोती को
किस तरह का परिवार चाहिए...?
गुप्ता जी : "कुछ खास नहीं ..
बस लडका MA /M.TECH किया हो,
अपना खुद का घर हो, कार हो,
घर मे ए.सी हो,
अपने बाग बगीचा हो,
अच्छी नौकरी , अच्छा वेतन ,
कोई लाख रू. तक हो..."
शर्मा जी : "और कुछ...?"
गुप्ता जी : "हाँ सबसे जरूरी बात..
अकेला होना चाहिए.."
मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए..
वो क्या है , बडे परिवार में
लडाई झगड़े होते है..."
शर्मा जी की आँखें भर आई !
फिर आँसू पोछते हुए बोले ,
"मेरे एक दोस्त का पोता है !
उसके भाई-बहन नही है,
मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे,
अच्छी नौकरी है,
डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है,
नौकर-चाकर है.."
तभी गुप्ता जी बोले , "तो करवाओ ना रिश्ता पक्का.."
शर्मा जी ने कहा : "मगर उस लड़के की भी
यही शर्त है कि लडकी के भी मां-बाप,
भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो..." कहते कहते उनका गला भर आया..
फिर बोले- "अगर आपका परिवार
आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है.. आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी
और वो बहुत सुखी रहेगी...."
उनकी बात काटते हुए गुप्ता जी बोले "ये क्या बकवास है?
हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या..
कल को उसकी खुशियों मे,
दुःख मे कौन उसके साथ
और उसके पास होगा..."
तभी ऊंचे स्वर में शर्मा जी बोले , "वाह मेरे दोस्त!
खुद का परिवार, परिवार है
और दूसरे का परिवार कुछ नही...
मेरे दोस्त अपने बच्चों को
परिवार का महत्व समझाओ,
घर के बडे ,
घर के छोटे सभी अपनो के लिए जरूरी होते है... वरना इंसान खुशियों का
और गम का महत्व ही भूल जाएगा,
जिंदगी नरक बन जाएगी..."
यह सुनकर गुप्ता जी , बेहद शर्मिंदगी के कारण कुछ नहीं बोल पाए...
दोस्तो !
परिवार है तो जीवन मे हर खुशी,
खुशी लगती है !
अगर परिवार नहीं तो
किससे अपनी खुशियाँ
और गम बांटोगे,
" हमारा परिवार ही हमारी
असली ताकत होती है !"