प्रेम का परिचय
प्रेम का परिचय
बार बार इस मोहमाया में फंसकर युवा अंधे हो जाते है, जिस प्रकार इस पात्र के द्वारा नाट्य रूप में बताया गया है वह बहुत अच्छी बात बताया है। क्योंकि जो संवाद बोलते है ना, वह सिर्फ अपने परिवार से ज्यादा किसी के साथ नही होता, दोस्त के साथ भी ना हो, मन आकांक्षा से भरा हुआ है लेकिन उस तमीज को पूरा बल लगाकर पूरा करना नही आता, यही एक बेहद खास बात बसी हुई है हमारे युवा में , परन्तु सब पूरा करने के लिए हमारे जीवन मे सिर्फ माँ बाप से ज्यादा कोई नही हेल्प करता, इसलिए प्यार के तहत जो है वह सब देखने जाओ तो सिर्फ और सिर्फ मोहमाया है। अब तो 14 feb तक वैलेंटाइन डे के लिए रोज़ देना, चॉकलेट देना , hug करना, प्रोपोज करना यह सब डे आते है ये सब मनाते भी है, लेकिन यह भी तो डे है 15 से 21 तक कि जो दिल जुड़ा है उनको तोड़ने का, फिर और दिन क्यों नही मनाते , यही भी मनाओ , इस बार लेकिन चुप रहते, और प्यार ही करना है तो 14 feb क्यों बाकी साल क्यों नहीं? की बाकी दिन प्यार किया तो वह फालतू में चला जाता... हमारे देश की संस्कृति क्या है और हम मनाये क्या यह बात मुझे समझ मे नही आती, क्योंकि हम फॉरेन की संस्कृति ज्यादा अपनाते है, क्योंकि जिंदगी हमको लगता है सुकर हो जाएगी , बात सब झूठ है ...अरे जिंदगी जीने के लिए खुद में वह उम्मीद चाहिए ना ही किसी का अनुकरण करना। क्योंकि इस विश्व मे जो नया है उसको ही ज्यादा मोल मिलता है....इसलिए अपनी ज़िन्दगी ख़ुशी से बितिएं और सकारात्मक सोचे।
