Sneha Bhagat

Others

3  

Sneha Bhagat

Others

पहला प्यार

पहला प्यार

3 mins
286


दीदी आज भी आप फिर से पुरनपोली लाई?? आपको पता हैं मुझे पुरनपोली बनाना आता नहींं फिर भी हमारे लिए इतनी तकलीफ आप ना ले। कमाल है स्वरा, शादी को तुम्हारे इक साल हो आया हैं और अभी तक हमारे आदी की favourite Dish ना जान पाई तू। तुम्हें पता भी हैं, की पुरनपोली आदी को कितनी पसंद है, क्या तू भी?? आदी की बहन आज ही आई थी। वो स्वरा के उपर बरस पड़ी। वह सहमी सी इक कोने में उनकी पुकार सुन रहीं थी। वैसे तो सवाल सही था। आदी और स्वरा के शादी को पूरा इक साल हो आया था। फिर भी स्वरा आदी की पसंद अभी तक ना जान पाई थी। आदी की बहन तो बोलके चूप हुई। पर उसकी 10साल की लड़की सोचते रह गयी। मामी को मामा की पसंद का ठिकाना नहीं भले ये क्या बात हुई। कुछ तो बात हैं वरना मामी इतनी सहमी सी हर रोज ना रहतीं। बात कुछ भी हो पर उस लड़की के सोच में दम था। इक साल में रेवा का अपने मामी स्वरा से बहुत लगाव हुआ था।

आखिरकार रेवा ने अपने मामी से सवाल कर ही लिया। मामी, मेरे इक सवाल का p।ease सही जवाब देना। जबसे शादी हुई है तब से आपको देख रहीं हूँ आप अपने आप में ही खोए से रहते हैं। मामी आपकी मर्जी से ही शादी हुई थी ना?? स्वरा अभी भी चुप थी। देखो मामी जो भी आपके Mind में हैं p।ease मुझसे Share करो। इससे शायद आपका mind re।ief हो जाए। रेवा की मधुर बोली ने आखिरकार स्वरा के खामोशी को तोड़ डाला। रेवा, बच्चा ऐसी बात नहीं की मैं इस शादी से खुश नहीं हूँ। हाँ ये Arrange Marriage है फिर भी हमने ये शादी अपने बाबा के खातिर की थी। शादी तो कर ली पर अभी तक तुम्हारे मामा की पसंद ना जान पाई। क्या करें, क्यूँकी आदी मेरी चाहत कभी था ही नहीं। मेरा पहला प्यार तो इस जनम में अधूरा रह गया। बड़ी शिद्दत से किया था न और अंजाम देखो, शायद इसीलिए आज तक अपने शादी को मुकम्मल ना बना पाई। पता हैं मेरा प्यार सबसे अलग था। सौरभ नाम था उसका। उसने मुझे जीना सिखाया था। दुनिया से खुले आम बाते करना भी सिखाया था। उसका कुसूर सिर्फ इतना था की वो।ower c।ass का लड़का था। Future दोनों को भी पता था, फिर भी दिलो जान से इक - दूसरे को दिलो जान से चाहा था। मेरे घर में जब यह पता चला तो बाबा ने चुनाव करने को कहा। हाँ हमने प्यार किया था। पर हमारी मोहब्बत खुदगर्ज नहीं थीं। और अंजाम देखा ना मेरी और तुम्हारे मामा की Arrange Marriage हो गयी। और जबसे ये शादी हुई है ना तब से सौरभ का कुछ आता पता नहीं। हर रोज मन में यह खयाल आता हैं की वो कहाँ होगा? खुश तो होगा ना?? क्या उसनें मेरी तरह शादी की होगी??? इक ना कई सवाल मन को बहलाते हैं। पता है फिर भी मैं अपने इस शादी को मुक्कमल बनाने की पूरी कोशिश कर रहीं हूँ। रेवा, पता है पहला प्यार अधूरा रहने का दर्द कभी जिंदगी मुस्कुराकर जीने की चाह नहीं देता। ना जाने क्यूँ स्वरा का पहला प्यार अधूरा देखकर रेवा की आँख भर आई। मानो जैसे की उसने किसी और के प्यार को भी अधूरा रहने की कहानी सुनी हो......पहला प्यार....... .


Rate this content
Log in

More hindi story from Sneha Bhagat