नीला भाग २
नीला भाग २
नीला मुम्बई पहुंच गई, बोरिवली के फ्लैट में अभी सामान ढंग से खोला भी नहीं था, नीला के पौधे बालकनी में अपना स्थान ले चुके थे, हल्की सी बारिश ने वातावरण को चिपचिपा बना दिया था, फ्लैट पर घंटी बजने से नीला की तंद्रा टूटी, गेट खोलने पर अंजलि और अनिकेत बड़ा सा टिफिन लिए खड़े थे, दोनों को देखकर उसके चेहरे पर सहज मुस्कान आ गई थी, "खड़े-खड़े मुस्कुराती रहोगी या अंदर भी बुलाओगी" हॅंसते हुए अंजलि ने कहा।
" इतना छोटा टिफिन लाने की क्या जरूरत थी थोड़ा बड़ा ले आतीं" नीला ने हॅंसते हुए कहा। "ये तो तुम्हारे बच्चों के लिए भी खाना लाईं हैं" प्रत्युत्तर में अनिकेत ने कहा। अनिकेत को देखकर नीला को संजय की याद आ गई, नीला और संजय की मुलाकात अंजलि के घर पर हुई थी, नीला प्रारंभ से ही संकोची स्वभाव की थी, और संजय खुले उदार दिल का इंसान था।