मेरी पसंदीदा व्यंजन
मेरी पसंदीदा व्यंजन
मुझे मैगी और पास्ता बहुत पसंद है, इन दोनों चीजों का मैं आदि हूं। एक बार की बात है मेरे घर में मैगी बनी मुझे मैगी परोस दी गई। मैंने दो चार कौर ही चखे थे कि दीदी बोली तुम्हें नीचे कोई बुला रहा है। अब मैं परेशानी में पड़ गया कि अपनी मैगी अगर खत्म नहीं करता हूं तो दीदी चट कर जाएंगी। मैंने सोचा अपनी मैगी खाकर जाता हूं। लेकिन आवाजें तेज़ होती जा रही थी। पापा ने खूब डांटा तो मैं नीचे गया।
मैंने अपने दोस्त से ठीक से बात भी नहीं की रास्ते भर सोचता रहा कि कहीं कोई मैगी ना खा जाएं। जब मैं वापस पहुँचा तो मैगी उतनी ही थी मगर मुझे काम लगी क्योंकि मैं सिर्फ मैगी के बारे में सोच रहा था। मैंने साफ बोल दिया कि दीदी ने थोड़ी मैगी खा ली है। मैंने खूब बहस की तब तक पिताजी ने मेरी मैगी उठा ली और बोले तुझे मैगी का बहुत शौक है ना कि तू मेरी बात में भी विश्वास नहीं कर रहा जा तुझे आज मैगी नहीं मिलेंगी। मैं बहुत रोया मेरी फिकर मूझ पे बहुत भारी पड़ी। मेरे हाथ में जो था वह भी मेरे हाथ से निकल गई। मुझे अपनी ग़लती का एहसास हुआ और दोबारा मैंने खाने के मामले में शक नहीं किया।
