मेरे जीवन का प्यारा लम्हा
मेरे जीवन का प्यारा लम्हा
हर वर्ष मेरे स्कूल में कुछ ऐसे बच्चों को चूना जाता जो स्कूल द्वारा दी गई ज़िमेदारी को निभाते है। उन्हें प्रीफेक्ट कहते हैं। मेरी जिंदगी का सबसे प्यारा लम्हा उस दिन था जिस दिन मुझे मेरे स्कूल से प्रीफेक्ट का बैच और नियुक्ति पत्र मिला। वो दिन मेरे लिए बहुत ही ख़ास है। उसके कुछ दिन पहले मुझे मेरी अध्यापिका ने मुझे यह बताया कि मैं प्रीफैक्ट की भूमिका निभाने के लिए चुनी गई हूं। मेरी खुशी की कोई सीमा नहीं थी। मेरे माता पिता भी अत्यंत खुश थे।
अगले दिन मुझे और मेरे माता पिता को प्रीफेक्ट का बैच और नियुक्ति पत्र लेने के लिए बुलाया गया। हम स्कूल के ऑडिटोरियम में बैठे। कुछ समय बाद मेरा नाम बुलाया गया। मैं मंच पर गई। मेरी प्रिंसिपल ने मुझे बैच पहनाया और नियुक्ति पत्र से समानित किया। वह एक पल मेरे जीवन में बहुत ही सुन्दर पल था। मुझे अपने आप पर बहुत गर्व हुआ।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद हम सभी अध्यापिकाओं से मिले जिन्होंने मेरी खूब तारीफ़ की। उस दिन घर लौटते वक्त मेरे पिता जी ने मुझे एक कलम दिया और कहा, "ऐसे ही मेहनत करते रहो, और जीवन में खूब आगे बढ़ो।" सच में यह सब मेरे लिए बहुत ही ख़ास था और मैं इसे कभी नहीं भूल सकती।
