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Shreya Gupta

Children Stories

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Shreya Gupta

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एक अनाथ लड़की

एक अनाथ लड़की

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मीरा अपने माता पिता के साथ पालमपुर नामक गांव मे बहुत खुशी से रहती थी। एक बार वह और उसके माता पिता किसी काम से शेहर गए थे। जिस बस से वे जा रहे थे उसका दर्दनाक हात्सा हो गया बहुत लोगो ने अपनी जान खो दी। मीरा अपने माता पिता को बेहोश देखकर बहुत रोने लग गई और बस से उतरकर सड़क पर लोगो को ढूंढने लगी और वह रास्ता भटक गई। मीरा के माता पिता को बहुत चोटे आई लेकिन वे बच गए। लेकिन जब उन्हें होश आया तब मीरा कहीं नहीं दिखाई पड़ी। उन्होंने उसे बहुत ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली और सबको लगा कि वह मर चुकी है ।

बेचारी मीरा बहुत रोई लेकिन उसके आंसू पोछने वाला कोई ना था। वह एक घर के पास पहुंची और दरवाज़ा खटखटाया। एक लंबी नाक वाली औरत ने दरवाज़ा खोला और मीरा ने उसे सारी बात बताई। उस औरत का नाम गीता था। उसने उसे घर में अंदर बुलाया और कहा कि वह उसके माता पिता को खोजेगी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया । वह उससे बहुत काम करवाती थी और मारती भी थी। वह उसे अच्छा खाने और पीने को भी नहीं देती थी। दिनभर का काम खत्म हो जाने पर वह ज़मीन पर सोने जाती। जिसके कारण उसे बहुत ठंड लगती। गीता की दो बेटियां थी , एक का नाम रीया और दूसरी का नाम गौरी। रीया केवल अपने बारे में सोचती थी और अपनी मां की ही परछाई थी लेकिन गौरी बहुत ही विनर्म स्वभाव की थी और सबके बारे में सोचती थी। रीया मीरा के लिए सिर्फ मुश्किलें खड़ी करती थी और गौरी मीरा को हमेशा उसे मुश्किल से बाहर निकालती थी।

हर दिन कष्ट सहने के बाद मीरा बहुत दुखी रहने लग गई और गौरी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। इसलिए गौरी ने उसे एक तरकीब दी कि वह अपने गांव जाए और अपने माता पिता से मिले। गौरी ने मीरा को बस अड्डे तक पहुंचा दिया और थोड़े से पैसे भी दिए। मीरा अपने गांव पहुंच गई और अपने माता पिता को खोजने लगी। आखिर कार उसे अपने माता और पिता मिल गए और उसने उन्हें ज़ोर से गले लगा लिया।


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