Prerna Karn

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मेरा भारत

मेरा भारत

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वैसे तो भारत देश हम सबों का है किन्तु इसे "मेरा भारत" कहना हर भारतवासियों के भीतर अपनत्व की भावना को जागृत करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहाँ हर धर्म, भाषा, जाति के लोग रहते हैं और सभी को समान रूप से रहने का अधिकार है।


यहाँ हर धर्म के लोग बड़े धूमधाम से अपना त्यौहार मनाते हैं एवं अन्य धर्म के लोग भी खुशी के साथ त्यौहार मनाने में सम्मिलित होते हैं। इस देश ने स्वयं में न जाने कितनी ही कला, सभ्यता एवं संस्कृतियों को समेटे रखा है जो इसे दार्शनिक पटल पर अद्वितीय बनाता है।


इस देश में जहाँ एक-से-बढ़कर एक शूरवीर पैदा हुए जिनका लोहा पूरी दुनिया ने माना वहीं इस देश में सीता, अहिल्या आदि विदुषी नारियों ने भी अपने त्याग और बलिदान से लोगों को उचित मार्ग पर चलने का पाठ पढ़ाया। अपने परिवार एवं प्रजा पर आंच आने पर रानी लक्ष्मीबाई ने शस्त्र उठा लिए जो जगजाहिर है एवं नारीत्व को भी गौरवान्वित करता है।


यहाँ की कला, योग, ज्योतिष एवं औषधि की शिक्षा लेने अन्य देशों के लोग आते हैं एवं अपने देश जाकर इसका उपयोग एवं प्रचार-प्रसार करते हैं। ऐसा कहा भी जाता है कि भारत कला, योग, ज्योतिष एवं औषधि की जननी है इसलिए भारत को हम माता कहकर पुकारते हैं।


अत: भारत हमारा यानि हम सबों का देश है किन्तु इसे “मेरा भारत” कहूँ तो इसमें कोई अतिशयोक्ति न होगी।


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