STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Others

4  

Sudhir Srivastava

Others

मैं आपकी बेटी

मैं आपकी बेटी

2 mins
262


जुम्मन के घर के सामने एक एक लाल , नीली बत्ती की गाड़ियां आकर रुकी।एक पुलिस वाला उतरा और दरवाजे पर दस्तक देने लगा।दस्तक की आवाज सुन एक नव युवक बाहर निकला और पुलिस वाले से पूछा- "जी बताइए!"

पुलिस वाले ने शालीनता से पूछा- "जुम्मन शेख का घर यही है?"

"हाँ ! बताइए, क्या काम है?"

"वो डी.एम. साहिबा उनसे मिलने आई हैं।* उसने नीली बत्ती वाली की गाड़ी की ओर इशारा किया।

तब तक गाड़ी से शालीनता की प्रतिमूर्ति सी एक महिला उतरी और दरवाजे तक आ गई।युवक ने अभिवादन किया और पूछा "जी आप अब्बू से क्यों मिलना चाहती हैं।"

"मिलना तो मैं आपसे भी चाहती हूँ साजिद मियां, पर आप तो दरवाजे पर दीवार बनकर खड़े हो।" 

नवयुवक शर्माते हुए एक तरफ हट गया। महिला अंदर घुस गई और सामने बैठे जुम्मन मियां के पास पहुंच कर उनके पैर छूकर बोली- "पहचानते हैं आप मुझे काका?"

जुम्मन ने दिमाग पर जोर लगाया और बोली उठे-"तू मीठी है न ?"

"हाँ काका! मैं आपकी मीठी, आपकी बेटी। जिसे आपके दिए खून से नया जीवन मिला।" महिला का स्वर ढर्रा गया।

जुम्मन काका ने उसे गले लगा लिया। पगली ऐसा नहीं सोचते। तू तो मेरी बच्ची है।तब तक साजिद को भी थोड़ा थोड़ा याद आने लगा।

उसने महिला के पैर छूकर पुकारा "दीदी आप। मैं तो डर ही गया था।"

महिला ने उसे खींच कर बाहों में भर लिया। दीदी से तू कब से डरने लगा। बचपन में तो बहुत बताता था मुझे।

"सारी दीदी।" साजिद ने कान पकड़ लिए।फिर महिला ने साजिद से कहा "दीदी को कुछ खिलायेगा भी या .....। अम्मी नहीं दिख रही। तेरी शादी हुई या नहीं?"

"अम्मी नहीं रही दीदी। शादी की बात तो सोचा ही नहीं। अब आप आ गई हो तो आप ही सोचना।"

"लगता है कि तेरी भी शादी नहीं हुई बेटी?" जुम्मन मियां ने पूछा

"हां काका! पढ़ाई के बाद नौकरी। फिर मम्मी पापा भी नहीं रहे। कन्या दान कौन करे? आप मेरा कन्या दान करोगे?"

"जरुर बेटी। तेरे पापा कहा करते कि जुम्मन तू ही मेरी बेटी का कन्यादान करेगा। वाह ये ऊपर वाले। ये कैसी लीला है तेरी।आखिर तू मेरी बेटी है। मैं ही तेरा कन्यादान करुंगा। अपने यार की इच्छा जरूर पूरी करुंगा बेटा!"जुम्मन मियां रो पड़े। 

महिला जुम्मन मियां से लिपटकर कर रो पड़ी "नहीं काका। मैं तो आपकी ही बेटी हूं, आप रोकेंगे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा।"

 "हां बेटा! मैं क्यों रोऊंगा भला। इतने अर्से बाद तू मिली है न तो रोक नहीं पा रहा।" और जल्दी से अपने आंसू पोंछ कर मीठी के सिर पर दुलराते लगे।

बाहर पुलिस वाले और मीठी का ड्राइवर इस अनुपम रिश्ते की गहराई को समझने की कोशिश कर रहे थे। 



Rate this content
Log in