मानसून की पहली बारिश
मानसून की पहली बारिश
गरजती धूप थी सूरज चाचा.जैसे कड़क रहे थे ।
और हम हाथ थामे पसीने से लथपथ चल रहे थे ।
इस्कॉन के मंदिर पे तपती हुई धरती पे नंगे पाँव
हमने प्रवेश किया और जैसे प्रभु दर्शन से राहत मिली।
दर्शन कर बाहर निकले तो ऐसा लगा जैसे प्रभु का
आशीर्वाद मिल गया हो चारों ओर जैसे बादल घिर
आए और कृपा बरसाने को तैयार हो।
और फिर बारिश की पहली बूंद ने माथा चूमा ।
अब जैसे मन बाग बाग हो गया
मन जैसे नृत्य करने को हो उठा ।
उधर बारिश की बूंदों ने जैसे समा बांध दिया ।
और इधर हम साथ -साथ नाच रहे थे ।
टिप -टिप से रिमझिम , रिमझिम से मूसलाधार हो गयी ।
वैसे -वैसे हमारे हाथ पैर भी तेज नृत्य करने लग गये ।
और देखते -देखते इधर मूसलाधार
और उधर हमारा ताडंव नृत्य होने लग गया ।
बम बम भोले जैसे गंगा माँ खुद बारिश मे आशीर्वाद
देने लग गयी.....जय बम बम भोले ।
