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Shivraj Anand

Others

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Shivraj Anand

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मां की महिमा

मां की महिमा

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माँ ! हम आये तेरे शरण में ,नित छुएं चरण, मम निवेदन स्वीकार करो !

यही है भाव भजन, मन लगी लगन, मम-जीवन निर्माण करो !

हम सब बाल पौधे माँ ! तू मां

मालिन साथ है।

तू जननी !हम लाल ,

सब तेरे हाथ हैं।।

जग सृजनी ! दे तूं जैसी आकृत,

सब तेरा प्रत्युपकार हैं।

 हम सब कच्ची मिटटी,

 तू सबका कुम्भकार है।।

तू भू की रानी! ,तू अम्बर की न्यारी माँ।

तुझमे बसी दुनिया सारी।

 तुझमे तरी दुनिया सारी माँ ।।

हे स्नेहमयी माँ ! 

तेरी गोद में हमने सोया।

तेरी आचंल में हमने खाया !

तेरी आँचल में हमने खेला !

तुझ संग मिलकर हमने रोया !

 तूने हमे कहा - आँखों का तारा !

हमने तुझे कहा – ध्रुव का तारा !!

' राम-कृष्ण, भीष्म –युधिष्ठिर तूने बनाया।।

सच है की कर्ण – अर्जुन, बुध्द-महावीर तूने ही बनाया।

तेरी महिमा अपार माँ ! तेरी महिमा अपार

हे नित्य माता ! तूने ही शंकर – रामानुजन, गाँधी – मालवीय

सबको हिय का अमीरस पिलाया।।

तेरी महिमा अपार माँ ! तेरी महिमा अपार........

हे माँ ! हमे भी शरण दो, मन की कुबुद्धि हर दो।

हे वर दायिनी वर दो , जीवन धीर – वीर कर दो।

माँ ! मेरे जीवन की बगिया, नित्य खिलती रहे।

तुझ से बनी सांसों की डोरियाँ चलती रहें।।

माँ ! तू बस इतना करम कर दो।

निज वत्स का इतना धरम कर दो।।

हमे झुकाएं शीश, तूं हमें शुभाशीष दे दो।।


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