कहानी
कहानी
मै हूं शुभम और मै कहानियां सुनाता हूं,
होती तो सबके पास है पर सब सुनाते क्यूं नहीं?
जीते तो सभी हैं ये ज़िन्दगी
फिर वो पल याद रह जाते क्यूं नहीं?
इसका जवाब शायद सवाल में ही है,
जीना तो सभी चाहते हैं
लेकिन अभी तक वो ख़्वाब में ही है।
देखकर भी देख पाते नहीं हम,
सुनकर भी सुन पाते नहीं,
इतना सुन्दर एहसास है इस जहान का जो महसूस हम कर पाते नहीं।
चलो आज से इन लम्हों को अच्छे से जीते हैं, बीते हुए और आने वाले कल को छोड़कर, आज को ही घूंट भर के चुस्कियां लेकर पीते हैं।
वो आज जो ना तो कल था और ना कल आएगा
वो आज जिसको नहीं थामा तो वो छूट जाएगा,
वो आज जो हमे इस कम्फर्ट ज़ोन के एरिया से बाहर रहकर जीना सिखाता है,
वो आज जो हमे डराता है रुलाता है और जीने का मकसद दे जाता है।
मै जानता हूं डर लगता है और लगना जायज़ भी है,
क्यूंकि कहलाना तुमको मां का बेटा लायक भी है।
लेकिन सोच लो कल को मौत आ गई तुम्हारे दरवाज़े पर दस्तक देने,
तो क्या दरवाज़े खोलकर उसका स्वागत कर पाओगे तुम?
अगर तब शरीर छोड़ने में दुख होगा,
तो अभी रूह को क्यूं दांव पर लगाना चाहते हो तुम?
क्यूं बाहर से जीकर भी अंदर से घुट घुट कर मरना चाहते हो?
क्यूं चीज़ें महसूस करके भी उन्हें नकारना चाहते हो
क्यूं उजाले को छोड़कर अंधेरे की तरफ बढ़ना चाहते हो?
क्यूं लोगों पर विश्वास करने से डरना चाहते हो?
ये अंधेरा, ये डर, ये लोग, अरे यार क्यूं इतना सोचते हो?
ज़िन्दगी खुश रहकर जीने से अपने आप को क्यूं रोकते हो?
लिखो अपनी भी एक कहानी, एक ऐसी कहानी जो तुम्हारी हो
किरदार हो और भी उसमें, बहाने हो, मेहनत हो, झूठ भी हो,
फिर भी सच्ची वो सारी हो।
हां, ज्ञान की बातें कर तो रहा हूं मैं लेकिन, ऐसा नहीं कि ज़िन्दगी में बहुत कुछ उखाड़ लिया मैंने,
लेकिन इतना ज़रूर है कि चीज़ें समझ में तो आने लगी हैं,
डर मुझे भी बहुत लगता है कि गिर ना जाऊं, कहीं ऐसा कि बहुत लंबे गहरे घाव छोड़ जाऊं बाकी सब पर,
लेकिन फिर दिल कहता है अब तो गाना भी बन गया
अब तो ईगो पे आ गया मै किसी की मानूंगा नहीं
फिर इतना हौसला मिलता है कि सारी चुनौतियों को
चुनौती दे देता हूं और मन बना लेता हूं,
कि लिखूंगा एक कहानी ऐसी कहानी जो मेरी हो,
ऐसी हो कि जब भी उसे पड़ूं तो ये ना महसूस हो ,
कि ये क्यूं कर दिया और ये क्यूं नहीं करा?
क्यूं सपने अधूरे रह गए और पूरा क्यूं नहीं जिया?
एक कहानी जिसमें मेरी तरफ से सबके लिए प्यार हो,
एक कहानी जिसे कोई भी पड़े तो उसपे हौसले और हिम्मत की बहार हो,
एक कहानी जो मेरी तुम्हारी हम सबकी हो
एक कहानी जिसमें फिर भी बात कुछ अलग सी हो।
तो आज से करो सब कुछ इसलिए क्यूंकि तुम वो सब करना चाहते हो
ख्वाब देखो उनसे मेहरूम ना रही,
ताकि कुछ समय बाद जब तुम देखो तो तुम्हारे पास भी सुनाने के लिए एक कहानी, एक दास्तां हो।