जेठानी शुरुआत हुई नए रिश्ते
जेठानी शुरुआत हुई नए रिश्ते
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उसने कहा हमारा रिश्ता देवर भाभी का नहीं, मां हूं मैं। खुशी हुई की चलो रिश्ते में एक मां मिली। बात थी ससुराल की तो थोड़ा भय था मन में, आखिर नए रिश्ते नई जगह
पहले दिन उसने कहा बेटा है वो मेरा। मैंने भी उसे मां ही माना, रिश्ता नया था जीवनसाथी से तो शुरुआती दिनों में कुछ पल साथ बिताने को जी चाहता था। पर जिसने खुद को मां बताया उसने पहले दिन ही कहा, मेरा बेटा दुकान जल्दी खोलता है और रात को जो समय हो उसी समय पे घर लौटता है। धीरे धीरे दिन बीतते गए उसने मुझे मेरे जीवन साथी से दूर
करने की कोशिश की। समझ नहीं आया की कोई मां कैसे अपने बेटे को दुखी देख सकती कैसे कोई मां अपने बेटे को अकेले देख सकती। उसने मेरे लिए ना सही पर अपने बेटे के लिए रिश्ता जोड़ने की कोशिश करती।