दुआ के वक्त समझता है कि खुदा बहुत करीब है और गुनाह के वक्त समझता है कि खुदा बहुत दूर ह दुआ के वक्त समझता है कि खुदा बहुत करीब है और गुनाह के वक्त समझता है कि खुदा बहुत...
कज़ाक लोककथा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास कज़ाक लोककथा अनुवाद: आ. चारुमति रामदास