Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Neha Jain

Others

4.7  

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फ़ोन कॉल

फ़ोन कॉल

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शर्मा जी बेहद नरम व साधारण किस्म के इंसान थे। उन्हें कोई फ़ालतू शौक नहीं था। बस उन्हें शास्त्रीय संगीत में बेहद रूचि थी। मिसेज शर्मा उनसे बहुत नाराज़ रहती थी। वह अक्सर फ़ोन में लगे रहते थे। मिसेज शर्मा उनसे कह-कह कर थक गयी थी की मुझे नया फ़ोन चाहिए जिसमे सभी लेटेस्ट फीचर्स हो आखिरकार उनकी किट्टी-पार्टी में इज़्ज़त का सवाल था। अरे मिसेज शर्मा का फ़ोन पूरे दो साल पुराना था। आज तो मिसेज शर्मा का मूड बहुत ख़राब था। सुबह-सुबह शर्मा जी को ताने मारने लगी "आप तो बाबा आदम के ज़माने के हो एकदम ओल्ड फशिओनेड।" यह ताना शर्मा जी के पुराने स्वेटर पर मारा गया था जो उनकी शादी के भी पहले का था। "अरे ये कहाँ पुराना हुआ है और वैसे भी पुराने कपड़े पहन लेने चाहिए कभी कबार।" शर्मा जी हिसाब की डायरी ढूंढते हुए बोले। "कभी कबार न हर रोज़ तो नहीं" मिसेज शर्मा ने पलटवार किया। शर्मा जी काफी समय से एक रेडियो लेने की सोच रहे थे पर जब भी वह इसका ज़िक्र करते तो उनका बेटा उन्हें पहले टोक देता "नहीं पापा इस घर में पहले मेरा लैपटॉप आएगा फिर आपका रेडियोI" मिसेज शर्मा भी कहा पीछे रहने वाली थी झल्लाती हुई वह भी किचन में से चिल्लाई "कोई ज़रुरत नहीं है घर में कचरा इकट्ठा करने कीI पहले ही बहुत कूड़ा है घर मेंI" और शर्मा जी सारी बात सुनकर टाल जातेI शर्मा जी को इन तानों की आदत पड़ चुकी थी पिछले २५ सालों से जो सुन रहे थेI

शर्मा जी ने इन सारी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए अपनी खोज चालू रखीI तभी उन्हें याद आया की पिछले दिन वह फ़ोन पर बात करते-करते अपनी डायरी छत पर ही भूल आये थेI वह छत की तरफ दौड़े और अपनी डायरी लेने चले गएI वह अपनी डायरी लेकर वापस आये और नहाने चले गएI डायरी ढूंढने के चक्कर में शर्मा जी ऑफ़िस के लिए लेट हो गए थे टिफ़िन लेकर शर्मा जी फटाफट ऑफ़िस के लिए निकल पड़े। "ट्रिन-ट्रिन" मोबाइल की घंटी बजीI मिसेज शर्मा भाग कर ड्राइंग रूम में आई तो देखा की शर्मा जी अपना मोबाइल घर पर ही भूल गए थेI मिसेज शर्मा ने फ़ोन उठाया। "शर्मा जी गुड मॉर्निंग कैसे हो? और आज ऑफ़िस नहीं आना क्या?" "अरे भाईसाहब ये अपना फ़ोन घर पर ही भूल गए ही अभी थोड़ी देर में पहुँचते ही होंगेI" सामने वाले की बात काटते हुए मिसेज शर्मा बोली"I "अरे-अरे भाभी जी लगता है शर्मा जी काम के टेंशन के मारे चीज़े भूलने लगे हैI चलिए कोई बात नहींI अच्छा भाभीजी नमस्ते" "नमस्ते" कहकर मिसेज शर्मा ने फ़ोन काट दिएी "हुह, सारी टेंशन तो बस शर्मा जी को ही होती है हम तो मजे करते है सारा दिन घर मेंI" मिसेज शर्मा गुस्से में बड़बड़ाईI मिसेज शर्मा फ़ोन काट कर मुड़ी ही थी की फिर से फ़ोन की घंटी बजीI फ़ोन उठाते ही सामने से आवाज़ आई "शर्मा जी बिल पास कराने वाली फाइल कम्पलीट हुई की नहीं? और वो सैलरी चेक बनाये की नहीं?" "भाईसाहब ये अपना फ़ोन घर पर ही भूल गए है" "अच्छा ओके भाभीजी" वार्तालाप खत्म करके मिसेज शर्मा किट्टी-पार्टी में जाने की तैयारी करने लगी, तभी अचानक फ़ोन बजाI अब तो मिसेज शर्मा को चिढ होने लगी कभी कोई फाइल के लिए पूछता कभी कोई मीटिंग के लिए मिसेज शर्मा झल्लाई "सारा ऑफ़िस का टेंशन घर ले आते हैI हमारा तो ख्याल ही नहीं रखतेI"


भनभनाइ मिसेज शर्मा ने फ़ोन उठाया तो सामने से शर्मा जी आवाज़ आई "अरे सुनो मैं अपना फ़ोन घर पर भूल गया हूँI एक बार मेरे फ़ोन में व्हाट्सप्प खोलो उसमे मैंने कल तीन बजे के आस पास सीसोदिआ साहब को एक मैसेज किया था वो असरानी जी को फॉरवर्ड कर दो जल्दीI'' "मेरे पास और भी बहुत काम है और मुझे किट्टी में जाने के लिए भी लेट हो रहा हैI" "अरे-अरे प्लीज जल्दी कर दो ऑफ़िस में बहुत काम है आज I" शर्मा जी मिसेज शर्मा की बात काटते हुए बोले।"ठीक है ठीक है पर पहले ये बताओ मेरी किट्टी के पैसे निकल कर रखे है या नहींI" "रखे है रखे है गोदरेज की अलमारी में से निकल लेनाIचलो बायI"I "बाय"I बात खत्म कर के मिसेज शर्मा ने अलमारी से २००० का नोट निकला और तैयार होने जा ही रही थी की इतने में फ़ोन से आवाज़ आई "नमस्ते शर्मा जी मैं गोविन्द इलेक्ट्रॉनिक्स से बात कर रहा हूँ I आपने जो लैपटॉप पसंद किया था वो EMI पर अवेलेबल है" "ठीक है भाईसाहब मैं कल आपसे मिलता हूँ ।"  मिसेज शर्मा से गलती से कॉल रिकॉर्डिंग्स चालू हो गयी थीI मिसेज शर्मा ने फ़ोन उठाया और बड़ी उत्सुकता के साथ दूसरी रिकॉर्डिंग चालू की I "गुड मॉर्निंग सर,सर वो आपने जो बेटे की पढ़ाई के लिए लोन के लिए अप्लाई किया था उसे अप्रूव होने में थोड़ा टाइम लगेगा I पर सर बुरा न माने तो एक बात बोलू ?" "कहिये" I "सर आपके बेटे के मार्क्स इतने अच्छे आये तो है नहीं तो काहे विदेश भेजने का झंझट पाल रहे है। फ़ीस भी बहुत ज़्यादा है। और आपने पिछले ही महीने तो उसकी CA की कोचिंग की फ़ीस भरी थी उसका क्या?" " अरे भाईसाहब बच्चों के सामने हमारी कहाँ चलती है? पहले CA करनी थी अब मूड बदल गया। आप जैसे तैसे करके लोन पास कराइये ना I " "मैं कोशिश करता हूँI"

अब तो मिसेज शर्मा की उत्सुकता और बढ़ने लगी थी I उसने अगली रिकॉर्डिंग चालू करी I "नमस्ते सर वो आपने मोबाइल का आर्डर दिया था ना वो दो दिन बाद तक आ पाएगा और डिलीवरी के १०० रुपये एक्स्ट्रा लगेंगे तो आपका टोटल ३५,००० हो जायगा जिसमे से आधे पैसे आपने पहले ही पे कर दिए है बाकी डिलीवरी के वक़्त I" "ओके भाईसाहबI" अब मिसेज शर्मा में आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी फिर भी उन्होंने आगे की रिकॉर्डिंग चालू कर दी I दो चार ऑफिसियल रिकॉर्डिंग्स के बाद मिसेज शर्मा का ध्यान एक फ़ोन कॉल ने खींचा I "गुड आफ्टर नून सर, सर आपने जो जूते आर्डर किये थे वो कल तक आ जाएंगे आपके घर का एड्रेस कन्फर्म करा दीजिये" "मैंने तो कोई जूते आर्डर नहीं किए थे। हो सकता है बिट्टू ने किए होंगे।" शर्मा जी ने एड्रेस कन्फर्म करा दिया "ओके सर" I इतने में घर की घंटी बजी I बरामदे में खड़े बिट्टू ने सब सुन लिया था वह तुरंत दरवाज़े की तरफ दौड़ा I कविता को घंटी सुनाई नहीं दी थी I उसका सर दर्द के मारे फट रहा था I उसकी आँखो में से आँसू टपक रहे थे I बिट्टू ने पार्सल खोला तो उसमे ८ की जगह ६ नंबर के जूते मिले। बिट्टू ने कहा मैंने तो ८ नंबर के जूते आर्डर किए थे। "सर हो सकता है पार्सल मिसप्लेस हो गया हो आप वेबसाइट पर वापस कर दीजिए।" "नहीं नहीं यही चाहिए थे।" भरी आँखो के साथ बिट्टू ने जूते उठाये और शर्माजी की घिसी चप्पलों के पास रखे और कोचिंग के लिए चल पड़ा।

                              

                                                                                    


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