दोस्ती
दोस्ती
जिंदगी में बहुत से रिश्ते होते हैं कुछ रिश्ते जन्म से जुड़े होते हैं और कुछ रिश्ते कर्म से जो रिश्ते जन्म से बनते हैं उन्हे खून के रिश्तों के रूप में जाना जाता हैं और जो रिश्ते हमारे कर्म से बनते हैं जिन्हे हम स्वयं ही चुनते हैं जो रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं उन रिश्तों को दोस्ती या मित्रता कहते हैं ।
दोस्ती वो होती हैं जहां,न किसी लोभ व लालच के, एक दूसरे के प्रति ईमानदारी होती हैं ,प्रेम व स्नेह होता हैं,फ़िक्र होती हैं,सम्मान होता हैं,विश्वास होता हैं,दोस्ती के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं एक दूसरे के प्रति विश्वास जहा विश्वास होता हैं उस रिश्ते की उम्र लम्बी होती है ।
बेनाम सा रिश्ता खास बन जाता है
दूर हो या पास, दिल में घर कर जाता है
होता नहीं फर्क, न धर्म न जात का,
हो जाये जो दोस्ती ,वो दिल से जुड़ जाता है।
खून का नहीं ये विश्वास का रिश्ता होता है,
गम में भी जो खुशी दे जाये,
आँखों की नमी में भी मुस्कान ले आये
सच्चा मित्र वही होता हैं जो ,
होठो की हसीं में भी छुपा गम पहचान लेता है,
दुनिया की नज़रो में पराया होकर भी जो
अपनापन दिखाए ,श्रेष्ठ मित्र वही जो
मुश्किल में भी साथ निभाए ।।