मैं तबसे एक दम नार्मल इंसान नो लिकिंग नो बेड वेटिंग आल लव आल लव सिर्फ। मैं तबसे एक दम नार्मल इंसान नो लिकिंग नो बेड वेटिंग आल लव आल लव सिर्फ।
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास