‘बोरियत’, ‘बोरियत’ ! ये बोरियत उसे जंगलीपन और बेमतलब के कामों की ओर धकेलती है। ‘बोरियत’, ‘बोरियत’ ! ये बोरियत उसे जंगलीपन और बेमतलब के कामों की ओर धकेलती है।
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास