STORYMIRROR

Shruti Srivastava

Others

3  

Shruti Srivastava

Others

दहेज लोभी

दहेज लोभी

1 min
569

"पिता जी पहली बात मैंने मेरे पति में कभी भी दहेज़ की भूख नहीं देखी,क्योंकि अगर उन्हें दहेज़ का रत्ती भर भी लालच होता तो शायद आज यहां मेरी जगह आपकी पसंद की कोई अन्य लड़की खड़ी होती......जो तोहफे में ढेर सारे दहेज का सामान लेकर आती,,लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ,,!!

उन्होंने मुझसे प्रेम विवाह "मुझे पाने" के लिए किया था, ना कि दहेज के लिए,,,तो बार बार आपका मेरे पति या अपने बेटे से ये पूछना "कि आखिर तुम्हें अपने ससुराल से मिला क्या,कितना दहेज़ मिला,तुम्हारी सास ने उपहार में क्या दिया,अन्य रिश्तेदारों ने सोने की चेन पहनाई या नहीं,,कितनी अंगूठियां मिली, नगद राशि कितनी मिली"बहुत ही फ़िज़ूल की बातें है......जो आपकी छोटी सोच से अवगत कराती हैं!

सालों से एक ही सवाल सुनते आ रही हूं,थक चुकी थी तो सोचा इस सवाल का आखिर जवाब दे ही दूं,,,,तो बेहतर होगा बार बार एक ही सवाल ना दोहराएं,बल्कि इस बात को स्वीकारें कि आपके बेटे की खुशी मुझमें थी,मुझे हासिल करने में थी,,,उनका और हमारा मकसद एक दूसरे को ही उपहार स्वरूप में पाना था "

एक करारा जवाब सुगंधा की तरफ से अपने ससुर जी को,,,जो शादी के बाद से हर दिन सिर्फ एक ही सवाल की रट लगाए बैठे थे



Rate this content
Log in