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Preeti Sharma "ASEEM"

Children Stories

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Preeti Sharma "ASEEM"

Children Stories

डॉन

डॉन

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किट्टू भागते -भागते किचेन में आया।मम्मा मेरी गन..... कहां है??? मुझे नहीं पता यही होगी। सुमन ने काम करते हुए किट्टू को जवाब दिया।किट्टू इधर-उधर कमरे में इधर -उथर, सब जगह ढूंढता रहा।क्या करना है तूने गन का, सुमन ने पूछा,नहीं मम्मा मुझे.... गण चाहिए, चाहिए गण चाहिए।

जब आप रखते तब तो ध्यान देते नहीं हो।इधर-उधर फेंक देते हो। आपने ही रखी होगी संभाल के किट्टू.......बोल कर ,फिर गण ढूंढने में लग गया।सुमन इधर किचन में अपना काम पूरा करके बाहर निकली कि देखू......मिली कि नहीं वरना सारा घर सर पर उठा लेगा।

वह उधर अलमीरा के ऊपर रखी हुई गन लेकर आई और किट्टू को दी।किट्टू गन लेने के बाद बाहर बालकनी में चला गया।वहां उसका छोटा भाई बिट्टू भी खेल रहा था। बिट्टू के पास जाकर बोला यह देख गन मिल गई।

सुमन उनके खेल को देखने के लिए दरवाजे की ओट में खड़ी हो गई कि यह अब क्या करते हैं।किट्टू ने बिट्टू की तरफ गन दिखाकर बोला..... चला जा वरना मैं तुझे मार दूंगा। बिट्टू बोला मैं पुलिस को बताऊंगा। हा..हा,पुलिस !"डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है तू पकड़ के बता। डॉन के पीछे तो बारह मुल्कों की पुलिस लगी हुई है"।सुमन उनकी बातें सुनकर दरवाज़े की ओट में खड़ी हस रही थी तभी वह सामने आई तो दोनों ने खेल बंद कर दिया यह क्या चल रहा है।कौन डॉन बना हुआ है।बिट्टू डर कर पास आ गया।मम्मी के पास छुपता हुआ बोला.......मम्मा यह कह रहा है।मैं..... डॉन हूं और मुझे पुलिस भी नहीं पकड़ सकती।सुमन बच्चों की खेल देखकर सोच में पड़ गई कि इनको यह भी नहीं पता कि डॉन किसे कहते हैं।क्या होता है बस फिल्म देख कर अपनी फिल्म बना रहे हैं। चलो अब दोनों खाना खा लो सुमन दोनों को खाने की टेबल पर ले जाते हुए बोली।


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