डॉन
डॉन
किट्टू भागते -भागते किचेन में आया।मम्मा मेरी गन..... कहां है??? मुझे नहीं पता यही होगी...कहीं। अवनी ने सब्जी बनाते हुए ......किट्टू को जवाब दिया।किट्टू इधर-उधर कमरे में.....सब जगह ढूंढता रहा।क्या करना है तूने गन का, अवनी ने पूछा,नहीं मम्मा मुझे.... गन चाहिए..... चाहिए गन चाहिए।पिछले साल दिवाली पर ली थी ....पता नहीं कहाँ रखी होगी। अपने खिलौनों में ...देख।अवनी ने कुछ सोचते हुए..... कहा।
जब आप लोग रखते तब तो ध्यान देते नहीं हो।इधर-उधर फेंक देते हो। आपने ही रखी होगी ......मम्मी ....संभाल के .....किट्टू.......बोल कर ,फिर गण ढूंढने में लग गया।अवनी इधर किचन में अपना काम पूरा करके बाहर निकली कि देखू......मिली कि नहीं वरना सारा घर सर पर उठा लेगा।
वह उधर अलमीरा के ऊपर रखी हुई गन लेकर आई और किट्टू को दी।किट्टू गन लेने के बाद बाहर बालकनी में चला गया।वहां उसका छोटा भाई बिट्टू भी खेल रहा था। बिट्टू के पास जाकर बोला यह देख गन मिल गई।वैसी है.... ना जैसी फिल्म में देखी थी।
अवनी उनके खेल को देखने के लिए दरवाजे की ओट में खड़ी हो गई कि देखूं.....यह अब क्या करते हैं।किट्टू ने बिट्टू की तरफ गन दिखाकर बोला..... चला जा वरना मैं तुझे मार दूंगा। बिट्टू बोला मैं पुलिस को बताऊंगा। हा..हा,(जोर से हंसते हुए) पुलिस !"डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है .......तू पकड़ के बता। डॉन के पीछे तो बारह मुल्कों की पुलिस लगी हुई है"।अवनी उनकी बातें सुनकर दरवाज़े की ओट में खड़ी हंसने लग गई। तभी वह सामने आई तो दोनों ने खेल बंद कर दिया ।यह क्या....... चल रहा है।कौन .....?डॉन....... बना हुआ है।किट्टू ऐक्टिंग करता हुआ शरमा गया। और बिट्टू डर कर मां के पास आ गया।
मम्मी के पास छुपता हुआ बोला.......मम्मा यह कह रहा है। फिल्म जैसे करते हैं.... मैं डॉन हूँ और मुझे पुलिस भी नहीं पकड़ सकती।अवनी बच्चों की खेल देखकर सोच में पड़ गई कि इनको यह भी नहीं पता कि डॉन किसे कहते हैं।क्या..... होता है बस फिल्म देख कर अपनी फिल्म बना रहे हैं। चलो अब दोनों खाना खा लो ...... दोनों को खाने की टेबल पर ले जाते हुए बोली।खाने की टेबल पर भी उसका ध्यान डॉन में फंसा हुआ था.... पांच साल के बच्चों में गन को लेकर ऐसे भाव मन में है तो.... अगर इन्हें समय रहते स्पष्ट मार्गदर्शन ना दिया तो स्थितियां भविष्य में चिंताजनक हो सकती है।