भरम
भरम
आज वह बहुत खुश थी क्योंकि उसके पिता भारत वापस आ रहे थे। उसने अपने हाथों से अपने पिता का पसंदीदा चॉकलेट केक बनाया। वह उन्हें सरप्राइज़ देना चाहती थी, क्योंकि आज उसके मम्मी पापा की शादी की सालगिरह थी। उसने अपने पिता को हॉस्टल से वापिस आने का भी नहीं बताया, वो उनके चेहरे पर वो खुशी देखना चाहती थी, जो खुशी उसे देख कर उनके चेहरे पर आ जाती है।
वो यूं ही बालकनी में खड़ी अपने मम्मी पापा के बारे में सोच रही थी। उसके लिए उसके मम्मी पापा हमेशा से एक परफेक्ट कपल रहे हैं। उन्होंने प्रेम विवाह किया था लेकिन शादी के इतने सालों बाद भी वो एक दूसरे से उतना ही प्रेम करते हैं और एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते। जब उसकी सहेलियां अपने मम्मी पापा के झगड़े और अपने पापा के बर्ताव के बारे में बात करती तो वो हैरान रह जाती थी, क्योंकि उसके पापा ने उसकी मम्मी पर हाथ उठाना तो दूर की बात है कभी उनसे ऊंची आवाज में बात तक नहीं की । उसके पापा उसके हीरो थे जो न सिर्फ उसकी मम्मी से प्रेम करते थे बल्कि उनकी इज्जत भी करते थे।
वो यूं ही खड़ी पापा का इंतज़ार करने लगी और उनके सरप्राइज़ के बारे में सोच कर ही खुश होने लगी। लेकिन वो नहीं जानती थी कि आज उसे बहुत बड़ा सरप्राइज़ मिलने वाला है और उसका सालों का भरम टूटने वाला है।
वरुण और रेखा ने प्रेम विवाह किया था, ऐसा दुनिया समझती है जब कि हकीक़त कुछ और थी। शादी के शुरुआती साल में रेखा को अपनी जिंदगी किसी सपने से कम नहीं लगती थी, होश तो तब आया जब उसने वरुण को एक लड़की के साथ मॉल में देखा और यही नहीं वो आए दिन उन दोनों को कभी रेस्तोरां तो कभी बाजार में साथ देखने लगी। एक दिन उसने दिल पे पत्थर रख कर पूछ ही लिया तो वरुण ने उसे बताया के वो सुमन है, उसका पहला प्यार। यह सुन कर रेखा बेहोश होते होते बची क्योंकि वो तो इस सपने में ही जी रही थी की वरुण उससे बहुत प्यार करता है और उसकी मर्जी से ही उनकी शादी हुई है। लेकिन वरुण ने उसकी यह गलतफ़हमी भी दूर कर दी।
उसने बताया कि शादी से पहले उसके पिता ने उन उसे रेखा के साथ देख लिया था और उन्हें कॉलेज से इस बारे में खबर मिली थी। वो वरुण की बताए बिना रेखा का हाथ मांगने गए और इस बारे में रेखा से भी पूछा। उन्होंने अपने बेटे को सरप्राइज़ देने के लिए एक पार्टी में उनकी मांगनी की घोषणा कर दी और कुछ दिनों बाद उनकी शादी हो गई।
वरुण के पिए लड़कियों से दोस्ती करना आम सी बात थी, वो रेखा से बस दिल बहला रहा था, लेकिन वो अपने पिता से बहुत प्यार करता था इसके वो उन्हें मना नहीं कर पाया।
उसकी शादी के एक साल बाद उसके पिता की मृत्यु हो गई था उसे अपने प्यार को पाने का एक और मौका मिला और वो उसे गंवाना नहीं चाहता था।।
उन्हीं दिनों वेदिका का जन्म हुआ, वरुण उससे चाहे कैसा भी बर्ताव रखे वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था और उसका ख्याल भी रखता था। लेकिन जैसे जैसे वेदिका बड़ी हो रही थी रेखा को उसकी फिक्र सताती रहती, क्योंकि वरुण अब भी नहीं बदला था, और गुस्से में उसने रेखा पर हाथ उठाना शुरू कर दिया था।
जब वेदिका थोड़ी बड़ी हो गई तो रेखा ने उसे हॉस्टल भेज दिया ताकि वो अपने पापा का भयंकर रूप न देख सके, कहीं न कहीं रेखा को अब भी उम्मीद थी कि वरुण एक दिन इसके पास जरूर लौट कर आएगा और वो उस पल का ही इंतज़ार कर रही थी। रेखा ने वरुण से निवेदन किया कि वह वेदिका के सामने लड़ाई झगड़े न किया करे इससे तो वो उससे बदगुमान हो जाएगी। वरुण ने उसकी बाद मान ली क्योंकि वो अपनी बेटी की आंखों में अपने लिए नफरत नहीं देख सकता था। जब वेदिका हॉस्टल से वापिस आती वो उसके सामने एक बहुत अच्छा और ख्याल रखने वाला पति का रूप धारण कर लेता जिससे वेदिका अपनी मम्मी को बहुत खुशनसीब समझती लेकिन सच्चाई किया थी उस ही पता था।
लेकिन आज सच्चाई से पर्दा उठने वाला था।
वो जैसे ही घर में दाखिल हुआ उसकी नजर बरामदे में टहलती रेखा पर गई। वो अपने हाथ में एक लिफाफा उठाए उसकी तरफ बढ़ा। उसने वो लिफाफा रेखा को दिया और कहा कि आज वो सुमन से शादी कर लेगा और इस लिफाफे में तलाक नामा है। रेखा ने उसकी बात सुनकर खंबे को थाम लिया सिर हिलाती जोर जोर से चिल्लाने लगी। उसके चिल्लाने की आवाज सुन कर वेदिका जो अपने पापा का इंतज़ार कर रही थी , भाग कर नीचे आई। लेकिन नीचे का मंजर देख कर वो हैरान रह गई। उसके पापा वरुण उसकी मम्मी को हाथों से पकड़ कर घसीट कर बाहर ले जा रहे थे, बाहर लाकर वरुण ने रेखा का हाथ छोड़ दिया और कहा के वो उसकी और उसकी बेटी की जिंदगी से दूर चली जाए क्योंकि वो अपनी और सुमन की जिंदगी की उस मनहूस का साया भी नहीं पड़ने देना चाहता है।
धड़ाम, की आवाज पर दोनों ने सीढ़ियों की तरफ देखा तो वेदिका को ज़मीन में बेहोश पड़े देख कर चकित रह गए।
आज रेखा की उम्मीदों के साथ.......उसकी बेटी का भरम भी टूट गया जो उसे अपने बाप पर था।।
