औरत और जिम्मेदारी
औरत और जिम्मेदारी
1 min
199
सुहाना जो कभी नासमझ हुआ करती थी वो कोशिश कर रही है जिम्मेदारी निभाने की क्योंकि अब वो एक माँ भी है। जो उम्र मौज मस्ती करने की थी उसमें शादी कर दी, एक पिता तो अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गया पर वो जिसे पता ही नहीं था शादी क्या होती है वो माँ भी बन गयी। शादी का मतलब वो सिर्फ नये कपड़े नये घर नये लोग जो उसे बहुत प्यार करेंगे इतना ही समझती थी। हमारा समाज भी उसे बार -बार याद दिलाता था उसकी जिम्मेदारी पर क्या उसकी खुशी किसी की जिम्मेदारी नहीं है । शायद औरत का दूसरा नाम ही जिम्मेदारी उठाना है। सुहाना भुल गयी अपनी जिंदगी अपनी खुशी सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाते-निभाते खैर छोड़ो....
