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Sapana Singh

Children Stories Drama Inspirational

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Sapana Singh

Children Stories Drama Inspirational

आग से बचाव

आग से बचाव

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गरिमा बचाओ! बचाओ!          

अंश लकी जल्दी आओ लगता है गरिमा दीदी के घर में आग लग गई है !   

अंश अरे दीदी यह आग कैसे लग गई ?    

गरिमा अरे क्या बताऊं मैं अपना कपड़ा प्रेस कर रही थी अचानक से लाइट कट गई मैंने सोचा जल्दी से प्रेस गर्म है कपड़े प्रेस कर लूं तब  प्लक बंद करूं। लेकिन मुझे क्या पता शॉर्ट सर्किट हो गई है और उस कारण से लाइट बंद हो गई जब बदबू आना शुरू हुआ तो देखा प्लक से चिंगारी निकल रही है, तब तक सब तार जलने लगे तो मैं चिल्लाने लगी। मम्मी भी घर पर नहीं है बाजार गई है। 

अंश अरे तब तो पहले जल्दी से गैस सिलेंडर का नाब बंद करके उसे बाहर छत पर ले कर चलो दीदी।

अंश लकी तुम जल्दी से मेन स्विच ऑफ कर दो।

लकी कर दिया भैया। 

लकी अरे अंश भैया आग बढ़ती जा रही है! जल्दी से अपने पापा को फोन करिए ।

अंश सही कह रहे हो। (अंश नंबर डायल करता है। )

अंश अरे यार लगता है पापा बिजी हैं फोन ही नहीं उठ रहा उनका । 

 लकी- तब क्या करेंगे भैया?

अंश- कोई बात नहीं मैं जल्दी से फायरबिग्रेड को ही फोन कर देता हूं।

लकी- यह कौन हैं भैया?

अंश अरे यह लोग आग बुझाने का काम करते हैं ।

लकी- आपको उनका नंबर पता है क्या भैया!

  अंश हां मेरे स्कूल में बताया गया था भीषण आग लगने पर अग्निशमन दल को बुलाने के लिए 101 नंबर पर सूचित करने पर वे लोग आकर आग बुझा देंगे।

लकी तब जल्दी करिए भैया ।

(अंश 101 नंबर पर डायल करता हैट्रिंन ट्रिंन)

  अंश   घंटी तो जा रही है।

  दमकल कर्मी हेलो कौन बोल रहा है ?


 अंश हेलो अंकल मैं टीचर कॉलोनी मड़ियाहूं से बोल रहा हूं आप लोग जल्दी से आ जाइए मेरे बगल वाले घर में बहुत भीषण आग लग गई है !

  दमकल कर्मी क्या ! ठीक है मैं पहुँच रहा हूँ चिंता मत करो।

  अंश गरिमा दीदी आप तब तक बबलू अंकल को बुला लाइए वह कुछ तो सामान बचा लेंगे।

  गरिमा ठीक कह रहे हो मैं जा रही हूँ बुलाने।

  लकी अंश भैया लग रहा है गाड़ी की आवाज आ रही है।


 अंश- अरे अंकल आप आ गए जल्दी से आग बुझाइये।

 दमकल कर्मी घबराओ मत बच्चों मैं आग बुझा देता हूं। (तब तक बबलू अंकल गरिमा के साथ आ जाते हैं और यह सब घटना देखकर कहने लगते हैं कि)

बबलू बहुत ही बढ़िया अंश बेटा तुमने बहुत बुद्धिमानी और हिम्मत का काम किया है आपको शिक्षा देने वाले अध्यापकों की भी जितनी तारीफ की जाये कम है जिन्होंने आपदा की स्थिति में की गई पूर्व तैयारी को सिखाया और बताया था।


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