मन-मस्तिस्क में बस यही एक सवाल घूमता है कि सच मेंं “वह स्त्री थी या ज़िन्न” ? मन-मस्तिस्क में बस यही एक सवाल घूमता है कि सच मेंं “वह स्त्री थी या ज़िन्न” ?