होम
कहानी
कविता
कोट
ऑडियो
प्रतियोगिताएं
पुरस्कार
अकादमी
खरीदें
About
कम
ज्यादा
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
कोट
Library
Terms & Condition
गोपनीयता नीति"
साइनअप
लॉग इन
फीड
लाइब्रेरी
लिखें
सूचना
प्रोफाइल
रेत
रूह
नीलाचादर
शीतलविचार
झोंका
जमीं
अपनीयादोंकेसाथ
नदी
दिल
आसमान
समंदर
shrez.quotesonhumanity
अंजानstorymirrorhindi
तनहासीजिंदगीमेंलोगभीबेगानेसेलगतेहैंअपनेपरायेकीपहचानमेंसभीअनजानेसेलगतेहैं
दिलकीबाते
आँखें
कंचन प्रभा
Hindi
आँशु
Quotes
सुलगती नदी थी वो शीतल सा आग था वो तपती रेत को फिर से मुट्ठी ...
लोग आँशु की क्या बात करेंगें हम तो आसमां को देख कर ही पुरा स ...
00:00
00:00
Download StoryMirror App