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सर्द हवा और थपेड़ों से क्यूँ डरूँ अपनी ज़िंदगी रंगों से क्यूँ न भरूँ पर जितने भी कतर ले संगेदिल जब हौंसला है तो नई उड़ान क्यूँ न भरूँ । दीपा डिंगोलिया 9/1/2020

By Deepa Dingolia
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