STORYMIRROR
कुछ ख़्वाब...
कुछ ख़्वाब...
कुछ ख़्वाब...
“
कुछ ख़्वाब क्रंदन करते हैं
कुछ ख़्वाब स्पंदन करते हैं
सजते हैं दोनों ही आंखों में
फिर कैसे ये अंतर करते हैं ।
MAnNisha misha
”
39
More hindi quote from मनीषा गुप्ता
Similar hindi quote from Abstract
Download StoryMirror App