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क्रोध करने के उपरान्त, मन की अशांति,आत्मग्लानि,क्षोभ, निराशा,शारिरिक व् मानसिक दुर्बलता होती है, अतः क्रोध नही करना चाहिए
केवल अधर्म के विरुद्ध युद्धकाल (जब युद्ध चल रहा हो) में एक हथियार की तरह कुछ समय के लिए संयमित आवेग से क्रोध करने की अनुमति है
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