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24 प्यारी...

24 प्यारी माँ सौंप दिया तूने पूरा जीवन फिर भी आहत मन क्यों रोता नहीं। अपने सुख की दे तिलांजलि सब के लिए सुख तुम तकती रही। किसी पर भी आँच न आए इसलिए अपना फ़र्ज़ निभाती हो। करती रहती हो निस्वार्थ बलिदान तभी तो माँ कहलाती हो। वैष्णो खत्री

By Vaishno Khatri
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