ज़मीन के फ़साने ख़्वाबों पे बंद हैं ख़यालों का जहाँ, सुपर कूल अंध हैं । ज़मीन के फ़साने ख़्वाबों पे बंद हैं ख़यालों का जहाँ, सुपर कूल अंध हैं ।