क्षितिज हो तो क्या, पार पाने को पंछी उड़ते । अंधियारा हो तो क्या, रात हो तो भी क्या? क्षितिज हो तो क्या, पार पाने को पंछी उड़ते । अंधियारा हो तो क्या, रात हो तो ...