यह बूढ़ी जर्जर काया, हमसे कुछ नहीं चाहती है, प्रेम मिले, सम्मान मिले बस यही आस यह बूढ़ी जर्जर काया, हमसे कुछ नहीं चाहती है, प्रेम मिले, सम्मान मिले बस यही आस