और कोई पढ़े या न पढ़े, अपने लिखे को शब्दों को बड़े चाव से कई बार स्वयं ही पढ़ता था- और कोई पढ़े या न पढ़े, अपने लिखे को शब्दों को बड़े चाव से कई बार स्वयं ही पढ...