माई की व्यथा मैं देख भई अकुलान लगी बौरान लगी मैं डोलत-डोलत आप फिरी हे री सखी...............।। माई की व्यथा मैं देख भई अकुलान लगी बौरान लगी मैं डोलत-डोलत आप फिरी हे री सखी....