तुम हो हिन्दुस्तानी माटी के लाल जिसकी माटी में छिपा है वीरता का गुण महान। तुम हो हिन्दुस्तानी माटी के लाल जिसकी माटी में छिपा है वीरता का गुण महान।
गर सब कुछ जान कर निकल पड़ो चाक-चौबारों से अब, तब तुम भी सुभाष हो। गर सब कुछ जान कर निकल पड़ो चाक-चौबारों से अब, तब तुम भी सुभाष हो।