'किसी को और ख़ासकर अपने विरोधियों को स्वीकार करने से बड़ा कोई और मूल्य नहीं हो सकता है।' 'किसी को और ख़ासकर अपने विरोधियों को स्वीकार करने से बड़ा कोई और मूल्य नहीं हो सकत...