ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ। ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ।
तेरी हँसी को अपने ख़्वाब से जोड़ता हूँ मेरी मंजिल मुझे नहीं पता, पर अपने सफ़र की हर राह तेरी तरफ मोड़ता ... तेरी हँसी को अपने ख़्वाब से जोड़ता हूँ मेरी मंजिल मुझे नहीं पता, पर अपने सफ़र की हर...