जनता और जवानों के खून से सींचते हो सियासत की रोटियाँ, तुम्हारे सफेद कपड़ों पर क्या यह दाग... जनता और जवानों के खून से सींचते हो सियासत की रोटियाँ, तुम्हारे सफेद कपड़ो...