निष्कासित किया पुन: मस्तिष्क नें मधुर सपनों को। निष्कासित किया पुन: मस्तिष्क नें मधुर सपनों को।
हिंदी के इस मधुर तान को विश्व भर ने है पुकारा ! हिंदी के इस मधुर तान को विश्व भर ने है पुकारा !