मांगी हुए बस चार किताब थी जो मांगती रही मुझसे हिसाब भी मांगी हुए बस चार किताब थी जो मांगती रही मुझसे हिसाब भी
जब भी मासूम चेहरों पे मुस्कान देखता हूँ ,मैं भारत को आसमान में उड़ते देखता हूँ । जब भी मासूम चेहरों पे मुस्कान देखता हूँ ,मैं भारत को आसमान में उड़ते देखता हूँ ।