तेरे दर्शन की ही ख़ातिर, जन्म कितने ले लिए, लेकिन किसी भी रूप में प्रभु, ना मुझे तुम मिल सके... तेरे दर्शन की ही ख़ातिर, जन्म कितने ले लिए, लेकिन किसी भी रूप में प्रभु, ना म...