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पागल घर मुश्किल हमेशा खंजर ज़हर अच्छी कविता घुटता काटने मैं ही हुँ साकी मैं ही शराबी और तेरा ये मस्त मयख़ाना दावा नए होश और जोश का करता हूँ पुरानी शराब पीकर

Hindi पीकर Poems